क्या आप जानते है कि GST क्या है? और GST के क्या फायदे है? आजकल हर कोई इसका नाम सुन रहा है । वैसे तो टैक्स हर कोई भरता है चाहे वो good tax या service tax ।
GST क्या है?
GST का पूरा नाम Good Service Tax हैं । जब आप कोई वस्तु खरीदने जाते है तो आपको उसका टैक्स भरना होता है उसी को GST कहते है। हर वस्तु पर अलग अलग टैक्स लगता है।
2016 से पहले वस्तु पे कई तरह के टैक्स लगते थे फिर सरकार ने 2016 के बाद एक सिंगल टैक्स कर दिया है । जिससे वस्तु पर लगने वाला कर पहले के मुताबिक काम हो गया है। वस्तुओं के रेट में भी गिरावट आई है।
वस्तुओं पर लगने वाले GST की दर 5% से 28% के बीच ही होती है। पहले जब GST नहीं था तब वस्तु पर कई तरह के टैक्स लगते थे जिसे टैक्स प्रतिशत 35% तक पहुंच जाता था। परंतु GST के लगने के बाद बहुत सी वस्तुएं सस्ती हो गई है और बहुत सी वस्तुएं महंगी हो गई हैं
GST कितने प्रकार के होते है?
GST तीन प्रकार के होते है:-
- Central Good And Service Tax (CGST)
- State Good And Service Tax (SGST)
- Integrated Good And Service Tax (IGST)
Central Good And Service Tax (CGST):-
ये टैक्स केंद्र सरकार द्वारा एक intra-state sale में वसूला जाता है। CGST उन एरिया को कहा जाता है जहां सेंटर के पावर होते है।
State Good And Service Tax (SGST):-
यह टैक्स राज्य सरकार द्वारा एक intra-state sale में वसूला जाता है। SGST के अंतर्गत स्टेट के पास taxation capabilities होती हैं।
Integrated Good And Service Tax (IGST):-
ये टैक्स दो राज्यों के बीच होने वाले लेन देन पे जो टैक्स लगेगा वो बराबर दोनो को मिलेगा। यह भी intra-state sale में कलेक्ट किया जाता है। इस टैक्स को Union द्वारा कलेक्ट किया जाता है लेकिन इसे बाद में स्टेट को ट्रांसफर कर दिया जाता है।
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राज्य के भीतर लेन देन पर CGST और SGST ये दोनो टैक्स लगेगा। अगर लेन देन एक राज्य से दूसरे राज्य में हो तो उस पर IGST टैक्स लगता हैं।
GST ने किन टैक्स को Replace किया हैं?
GST ने बहुत से indirect tax को replace किया है जैसे –
- Central exercise duty
- Service tax
- Countervailing Duty
- Special Countervailing Duty
- Value Added Tax (VAT)
- Central Sales Tax (CST)
- Octroi
- Entertainment Tax
- Entry Tax
- Purchase Tax
- Luxury Tax
- Advertisement taxes
- Lotteries के ऊपर Taxes..
GST register करना किसको अनिवार्य है?
जीएसटी रजिस्ट्रेशन बिजनेसमैन करना अनिवार्य है। जीएसटी के लिए उन व्यवसायों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है जिनकी सालाना टर्नओवर 40 लाख (कुछ विशेष राज्यों को छोड़कर )रूपये से अधिक है जिसमे Taxable , Non Taxable तथा Exempted सभी प्रकार के टर्नओवर को शामिल किया गया है । जब जीएसटी लागु हुआ तब यह सीमा 20 लाख रूपये थी जिसे 1 अप्रैल 2019 से बढाकर 40 लाख रूपये कर दिया गया था । इससे देश के करीब 10 लाख छोटे कारोबारियों का फायदा हुआ ।
GST के क्या फायदे है?
- संविधान के मुताबित केंद्र और राज्य सरकारे अपने हिसाब से वस्तुओ और सेवाओ पर टैक्स लगा सकती है ।
- जीएसटी लगने से पहले क्या होता था की अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य से दुसरे राज्य में कोई उत्पाद बनाकर बेचते थे तो उन्हें कई प्रकार के टैक्स का सामना करना पड़ता था जिससे माल की कीमते कई गुना बढ़ जाती थी । परन्तु जीएसटी लगने के बाद पुरे देश में एक ही टैक्स की दर होने से सामान की कीमत भी कम होगी और व्यापारियों को किसी बात की परेशानी भी नहीं होगी
- नेशनल काउंसिल ऑफ़ एप्लाइड रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबित जीएसटी लागू होने से देश की जीडीपी में एक से दो फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है ।
- जो जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करता है उनको बहुत ही लाभ होता है। उनको ITR बेहतर रिटर्न मिलता है।
- यदि आप बैंक में GST दिखा देते है तो आपको बिजनेस लोन approve हो जाता हैं।
उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई GST की जानकारी से काफी मादत मिली होगी। अगर आपके मन में जीएसटी से लेकर को सवाल है तो आप कॉमेंट करके मुझसे पूछ सकते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि GST के बारे में सबको जानकारी मिल सके।
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